Personal Loan: अगर आप पर्सनल लोन लेने के बारे में सोच रहे हैं तो ये खबर आपके लिए खास हो सकती है। आप जैसे ही पर्सनल लोन के लिए सर्च करते हैं तो आपको कई बैंक और पर्सनल फाइनेंस कंपनियों के मैसेज आने लगते हैं। जिसमें कई शानदार ऑफर भी दिए जाते हैं। लेकिन क्या आपको पता हैं कि पर्सनल लोन के इन ऑफर को लेने के बाद आप किसी समस्या में फंस सकते हैं। इसलिए अगर आप पर्सनल लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो पहले कुछ बातों के बारे में गहन जानकारी कर लेनी चाहिए। चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

जानें क्या है लोन की ब्याज दर

आपको बता दें अगर आप पर्सनल लोन लेने के लिए जा रहे हैं तो सबसे पहले उनकी ब्याज दरों के बारे में जरुर जान लें। इससे ये पता लग जाता है कि आपको कितना एक्स्ट्रा पैसा जमा करना होगा। लोन की ब्याज दर जितनी कम हो ज्यादा सही है। ऐसे में अगर ब्याज की दर ज्यादा हैं तो ऑफर को लेने से मना कर दें। इसलिए पर्सनल लोन में लगने वाली ब्याज दर के बारे में जरुर जान लें।

उन बैंकों से लोन लेना सहीं है जिनके द्वारा ऑनलाइन तरीके से सुविधा दी जाती है। यदि आप ऐसे में बैंक से पर्सनल लोन लेने जा रहे हैं जिसमें आपको खाता पहले से ही है तो आपको किसी नए अप्लीकेशन को भरने की आवश्यकता नहीं होगी। बैंक आपकी क्रेडिट हिस्ट्री देखकर ही आपका लोन अप्रूव कर देगा। बैंक कॉल सेंटर से भी ग्राहकों की लोन के लिए सहायता करता है।

मिलती है रिपेमेंट की सुविधा

आपको बता दें लोन लेने पर इस बात पर जरुर गौर करें कि लोन का टेन्योर क्या है। इससे आपको ये अंदाजा लग जाता है कि आप समय पर लोन अदा कर सकते हैं या फिर नहीं। टेन्योर के हिसाब से ही बैंक ईएमआई को तय करता है। अवधि का ज्यादा होने से ईएमआई भी कम होती है। लेकिन ब्याज के रूप में ज्यादा पैसा लग जाता है। इसका हिसाब आप जरुर लगा लें कि आप मंथली लोन की रकम चुकाने में कितना ब्याज दे सकते हैं। ये सारी कैलकुलेशन करने के बाद ही लोन की अवधि को तय करें।

कितनी होगी लोन की फीस

अगर आप पर्सनल लोन लेने जा रहे हैं तो सबसे पहले बैंक से लोन से जुड़े सभी चार्जेस के बारे में जरुर जान लें। काफी सारी बैंक ऐसी होती हैं जो कि ये सारी डिटेल नहीं देते हैं और ग्राहक भी नहीं पूंछ पाते हैं। जिसके बाद ग्राहकों को काफी बड़ी समस्या आ जाती है।

बैंक का बैकग्राउंड चेक कर लें

काफी बार ऐसा होता है कि लोग जल्द बाजी में बैंक से पर्सनल लोन ले लेते हैं लेकिन सारी डिटेल लेने में चूक जाते हैं। जैसे कि ईएमआई, ब्याज दर, प्रोसेसिंग फीस आदि की जानकारी नहीं ले पाते हैं। जिसके बाद ग्राहकों को काफी सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। काफी बार बैंक के द्वारा ग्राहकों से एक्स्ट्रा ब्याज भी लिया जाता है।

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