Side Effects Of Intermittent Fastings: स्वस्थ और खुद की बॉडी को लम्बे समय तक मजबूत रखने के लिए हम रोजाना योगासन, टहलना आदि सारी क्रियाओं को करते हैं। इन्हीं में से एक होती है जो आज के समय काफी ज्यादा वायरल हो रही है और वो है इंटरमिटेंट फास्टिंग। दरअसल, ये डाइटिंग का एक नया तरीका है, जिसके जरिए लोग वजन को मेंटेन रखने की कोशिश करते हैं। वहीं, बहुत से लोग इसके फायदे के बारे में भी कई सारी बातें बताते हैं।

इंटरमिटेंट फास्टिंग इतनी ज्यादा वायरल हो चुकी है कि अब सेलेब्स तक इसे रखते हैं। वैसे तो हम इसके फायदे के बारे में भी ही जानते है, लेकिन बहुत से कम लोगों को इससे होने वाले खतरनाक नुकसान के बारे में पता होगा।

यदि हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार मानें तो इस फास्टिंग को रखने से बॉडी के कई सारे पार्ट्स के ऊपर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए अगर आप भी इंटरमिटेंट फास्टिंग को रखने के बारे में विचार कर रहे हैं तो पहले इससे होने वाले नुकसान के बारे में भी अच्छे से समझ लीजिये।

सबसे पहले तो ये जानिए कि क्या होता है ये इंटरमिटेंट फास्टिंग?

यदि एनसीबीआई के मुताबिक मानें तो इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान दिन के समय फ़ास्ट रखना होता है। वहीं, इसमें केवल एक ही समय पर खाना खाया जाता है। इसके बाद कुछ घंटों के अंतराल में ही कुछ खा सकते हैं। इससे बॉडी को ज्यादा कैलोरी नहीं मिल पाती है और साथ में डाइट भी कंट्रोल रहती है। इंटरमिटेंट फास्टिंग में आपको थोड़े समय के लिए बस एक ही टाइम पर भोजन करना होता है।

तरह-तरह के किस्म की हो सकती है ये इंटरमिटेंट फास्टिंग

इंटरमिटेंट फास्टिंग भी एक तरह की नहीं बल्कि कई प्रकार की होती है। जिसके कुछ उदाहरण तो हम आपको देते हैं:

16/8 फास्टिंग

इस फास्टिंग में आपको तक़रीबन 16 घंटों तक कुछ खाना पीना नहीं होता है। साथ ही दिन के 8 घंटे के दौरान ही सारी मील्स लेनी होती है।

14/10 फास्टिंग

अगर इस फास्टिंग को रखते हैं तो 10 घंटे में ही ब्रेकफास्ट, डिनर और लंच सब कर लेना होता है। बाकि के बचे हुए घंटों में फ़ास्ट रखना होता है।

6/1 फास्टिंग

इसमें आप दिन के केवल 6 घंटे ही खाना खा सकते हैं। बाकि के बचे हुए घंटों में केवल लिक्विड डाइट ही लें होती है। इसके आलावा कुछ खा नहीं सकते हैं।

1/1 ऑल्टरेट फास्टिंग

इस फास्टिंग को रखने के दौरान एक दिन नार्मल भोजन करना होता है साथ ही दूसरे दिन लो कैलोरी फ़ूड खाना होता है।

अब जानिए कि इंटरमिटेंट फास्टिंग किस तरह से पंहुचा सकता है सेहत को नुकसान

हार्ट से जुड़ी समस्यायों को बढ़ा सकता है

अगर इंटरमिटेंट फास्टिंग को लगातार रखा जाए तो इससे हार्ट की सेहत के ऊपर बुरा असर पड़ सकता है, क्यूँकि इसमें 14-16 घंटों तक कुछ पीना नहीं होता है। वहीं, लम्बे समय तक शरीर को कोई आहार नहीं मिलता है तो इलेक्ट्रोलाइट इम्बैलेंस हो जाता है। जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा दो गुना अधिक बढ़ जाता है।

इंटरमिटेंट फास्टिंग रखने पर लिवर पर भी पड़ता है बुरा असर

लिवर बॉडी की रेगुलेशन को मेंटेन करने में एक अहम भूमिका निभाता है। जैसे डाइजेस्टिव प्रोसेस को दुरुस्त रखने में, हार्मोन रेगुलेशन, डिटॉक्सिफिकेशन, मेटबॉयोलिज्म में लिवर एक अहम भूमिका निभाता है। ऐसे में इंटरमिटेंट फास्टिंग रखने में कई सारे फंक्शन प्रभावित होते हैं। वहीं, अगर कुछ रिसर्च के अनुसार मानें तो इंटरमिटेंट फास्टिंग लिवर पर भी पॉजिटिव इफ़ेक्ट डालता हैं जैसे कि शरीर में फैट जमा न होने देना और साथ ही इन्सुलिन सेंस्टिविटी में इम्प्रूवमेंट आदि।

 

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