Astro Tips: शादी के कुछ सालों के बाद सबकी चाहत होती है कि घर में नन्हे बच्चे की किलकारी गूँजें और ये नन्ही सी जान सबके जीवन में आकर जीवन को नए रंगों से रंग दें. लेकिन कुछ लोगों के घर में चाहकर भी ये मुमकिन नहीं हो पाता है और जीवन भर के लिए ये एक बच्चे के लिए तरस जाते हैं. ऐसे में शास्त्रों में भी इसके पीछे कई सारी वजहें बताई गई हैं जैसे कि कुंडली में कोई न कोई दोष का जरूर होना, घर में किसी व्यक्ति की बुरी नजर लग जाना आदि. ऐसे में जबतक उस ग्रह या भाव को ठीक तरह से नहीं किया जाता है, तो संतान से जुड़ी दिक्क्तें आना तय माना जाता है.


संतान न होने के कौन-कौन सी वजहें हो सकती हैं:

घर के भीतर या बेडरूम में वास्तु दोष का होना.

जातक की कुंडली में पितृ दोष, काल सर्प दोष का होना.

अगर कुंडली में देवगुरु बृहस्पति पीड़ित अवस्था में होते हैं तो भी संतान सुख में कमी हो सकती है.

राहु-केतु का सम्बन्ध संतान भाव से बन रहा हो या संतान कारक ग्रह राहु-केतु के प्रभाव में हो.

संतान की उत्पत्ति कारक ग्रह किसी एक या एक से ज्यादा पाप ग्रहों के प्रभाव में हो सकता है.

क्या बार-बार हो रहे हैं इस तरह की समस्यायों का शिकार

ऊपर बताया गई वजहें कई बार होती हैं कि जातक पूरी तरह से स्वस्थ और हष्ट-पुष्ट तो होता है, लेकिन फिर भी बच्चा कंसीव नहीं होता है. ऐसे में अगर कपल्स को मेडिकली टर्म में फिट होने के बाद मिसकैरिज या बेबी को कंसीव न कर पाने की समस्या ही रही है, तो कुंडली दिखाकर आसानी से उपाय कर सकते हैं. साथ ही आपको बताने जा रहे हैं कि कुंडली दिखाकर कैसे संतान की प्राप्ति कर सकते हैं.

कर सकते हैं इन उपायों को

16 सोमवार तक लगातार शिव जी की आराधना करें और भोलेनाथ जी के लिए पंचमेवा डालकर खीर तैयार करें, जल्द ही खुशखबरी मिलेगी.

हरी पत्ते की सब्जी जैसे कि पालक बथुआ आदि को हर बुधवार को गाय को खिलाएं.

संतान मन्त्र का जाप करें – मन्त्र: ॐ देवकी सुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते।
देहि में तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः ।।

कालशर्प दोष आदि सम्बंधित दोष की शांति करें.

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