Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष का समय चल रहा है। ऐसे में कहा जाता है कि हमारे पूर्वज घर की देख-रेख करने के लिए और हाल-चाल देखने इन 15 दिनों के लिए धरती पर आते हैं। इसलिए इस 15 दिन के समय को पितरों को याद करने के लिए सबसे ज्यादा सर्वश्रेष्ठ और उत्तम माना गया है। इतना ही नहीं कहा तो ये भी जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान काले तिल से जुड़े इन विशेष उपायों को करने से पितर बहुत ही ज्यादा खुश होते हैं।

ऐसे में अगर पितृ पक्ष के दौरान ही काले तिल से जुड़े उपायों को कर लेते हैं तो जीवन भर के लिए पितृ दोष कभी नहीं लगेगा। इतना ही नहीं पितृ के साथ-साथ भगवान की भी कृपा सभी के ऊपर सदैव बरसती है। जीवन में आने वाले हर कष्ट से पहले ही मुक्ति मिल जाती है। साथ ही स्वास्थ्य से जुड़ी दिक्क्तें भी कभी नहीं होती हैं।

पितृ पक्ष के समय रोजाना सूर्योदय से पूर्व जल में काले तिलों को मिलकर के स्नान करना चाहिए। क्यूंकि काले तिल के उपयोग से हर प्रकार का शनि दोष दूर हो जाता है। इसलिए काले तिल से जुड़ा से उपाय बहुत ही ज्यादा कारगर साबित होता है।

इसके अलावा श्राद्ध कर्म में काले तिल का भी एक खास रूप से उपयोग किया जाता है। पूर्वजों के तर्पण के दौरान जल में काला तिल और कुशा का इस्तेमाल अवश्य करना चाहिए। क्यूंकि मान्यता है कि इसके बिना पितरों को मोक्ष की प्राप्ति नहीं होती है। वे जल को ग्रहण नहीं कर पाते हैं। कहा जाता है कि तर्पण में तिल का प्रयोग करने पर पूर्वज आने वाली सात पीढ़ियों तक को ये आशीष देते हैं कि जीवन भर किसी तरह की कोई समस्या नहीं आएगी।

इतना ही नहीं पितृ पक्ष के दौरान शाम के समय पीपल के वृक्ष की पूजा अवश्य करनी चाहिए। साथ ही घी का दीपक भी जलाकर रखें। दीपक जलाएं तो इसमें थोड़ा सा काले तिल को मिला लें। फिर पूर्वजों का स्मरण करें, पितृ सूक्त का पाठ विधि विधान से करें, इससे पूरे परिवार जनों को सुख-समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद प्राप्त होगा।

अगर लगातार घर में लड़ाइयां हो रही हैं, रोज-रोज बिन बात के कलेश हो रहे हैं तो पितृ पक्ष की एकादशी पर दूध में काले तिल को एक साथ मिलाकर के पीपल के पेड़ में जरूर अर्पित करना चाहिए। जब इसे अर्पित कर रहे ॐ भगवते वासुदेवाय नमः मन्त्र का जाप भी साथ ही करते रहना चाहिए। ऐसा करने से वंसज भी भी प्रशन्न होते हैं।

पितृ पक्ष के दौरान काले तिल से बने लड्डू को गौ माता और कुत्तों को सुबह के समय जरूर खिलाना चाहिए। क्यूंकि ऐसा करने से पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन भर में जितनी बालाएं आने वाली होती हैं उन्हें टालने में पितर बहुत ही ज्यादा मदद करते हैं।

Latest News