Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य बहुत ही ज्यादा विद्वानी व्यक्ति थे, इन्होनें एक ग्रन्थ की रचना भी की है, जिसके बारे में सभी जानते हैं. ग्रन्थ को चाणक्य नीति कहा जाता है। जब भी आप नीतियों को पढेंगें तो इसमें वर्णित नीतियों का पालन करते हैं तो जीवन की कई मुश्किलें और समस्याएं दूर हो जाती हैं। इतना ही नहीं आचार्य चाणक्य ने बताया है कि हमेशा जितना हो सके मूर्खों से उतनी दूरी बना के रखनी चाहिए और परिवार में आपसी प्रेम बना के सदैव रखना चाहिए। ये भी बताया गया है कि घर के कौन से ऐसे स्थान होते हैं, जहाँ माँ लक्ष्मी जी का वास होता है।

आचार्य चाणक्य ने अपने शास्त्र में ये भी बताया है कि जहाँ भगवान की और घर के मुखों की पूजा पाठ विधि-विधान पूर्वक होती है, जहाँ पर अन्न काफी ज्यादा मात्रा में एक साथ एकत्रित होते हैं, जहाँ अन्न बेकार में नहीं फेंका जाता है, जहाँ पति पत्नी में किसी तरह की लड़ाई-झगड़ा, बहस, कलेश नहीं होता है ऐसे स्थान पर माँ लक्ष्मी जी का बसेरा जरूर होता है। माँ लक्ष्मी जी को शांति बहुत ही ज्यादा प्रिय है, अगर घर का माहौल एकदम शुद्ध होता है और किसी तरह के लड़ाई-झगड़े घर में नहीं होते हैं तो ऐसे घर वाकई में बहुत ही ज्यादा शुभ माने जाते हैं। कुबेर जी का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है, माँ लक्ष्मी जी के साथ।

इतना ही नहीं आचार्य चाणक्य ने शास्त्र की मदद से ये भी बताया है कि जो भी लोग घर क बड़े-बुजुर्गों का महत्व बहुत ही ज्यादा देते हैं, उनकी सेवा में कोई कमी नहीं छोड़ते बिना धन की लालच किए तो ऐसे लोगों को माँ लक्ष्मी जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। उन्हें जीवन में किसी तरह का शारीरिक कष्ट भी नहीं भोगना पड़ता है।

पर उसी घर में अगर पति अपत्नी एक दूसरे का अपमान नहीं करते हैं, आये दिन लड़ाई-झगड़े, रोज-रोज की लड़ाइयां नहीं होती हैं, वहां पर भी माँ लक्ष्मी जी सदैव अपने आशीर्वाद इनके ऊपर बरसाती हैं। इसलिए परिवार के बीच प्यार, स्नेह और मोह को बहुत ही ज्यादा शुभ और पॉजिटिव फॉर्म माना जाता है।

 

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