नई दिल्ली: चैंपियंस ट्रॉफी 2025 इस बार पाकिस्तान में आयोजित हो रही है, जिसमें दुनिया की 8 सर्वश्रेष्ठ टीमें हिस्सा लेंगी। आईसीसी ने इस बड़े टूर्नामेंट का शेड्यूल जारी कर दिया है। टूर्नामेंट की शुरुआत 15 फरवरी 2025 से होगी और फाइनल 10 मार्च को खेला जाएगा। इस बार टूर्नामेंट का आकर्षण केवल खेल नहीं बल्कि उससे जुड़े विवाद भी हैं। इंग्लैंड और अफगानिस्तान के बीच होने वाले मैच को लेकर चर्चा तेज हो गई है। इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ECB) पर दबाव बनाया जा रहा है कि वह अफगानिस्तान के खिलाफ मुकाबला न खेले।

क्यों उठी यह मांग?

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के ग्रुप स्टेज में इंग्लैंड और अफगानिस्तान को एक ही ग्रुप में रखा गया है। दोनों टीमों के बीच मुकाबला 26 फरवरी को लाहौर में होना है। हालांकि, यूके के 160 से अधिक राजनेताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड से आग्रह किया है कि वह इस मैच का बहिष्कार करें।

महिलाओं के अधिकारों का हनन

इस विरोध का मुख्य कारण अफगानिस्तान में तालिबान सरकार द्वारा महिलाओं के अधिकारों का हनन है। तालिबान शासन के दौरान महिलाओं और लड़कियों को शिक्षा, काम और खेल से वंचित किया जा रहा है। इस मुद्दे को लेकर इंग्लैंड में तीव्र विरोध हो रहा है। विरोध करने वालों का मानना है कि अफगानिस्तान के खिलाफ मैच का बहिष्कार करने से एक मजबूत संदेश जाएगा कि मानवाधिकारों के उल्लंघन को सहन नहीं किया जाएगा।

ECB का रुख और समर्थन

इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ECB) के चीफ कार्यकारी अधिकारी रिचर्ड गोल्ड ने इस प्रस्ताव को समर्थन दिया है। उन्होंने अपने बयान में कहा, “हम इंग्लैंड की टीम के खिलाड़ियों और अधिकारियों से आग्रह करते हैं कि वे तालिबान शासन में महिलाओं और लड़कियों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार के खिलाफ खड़े हों।”

गोल्ड ने आगे कहा, “हम अफगानिस्तान के खिलाफ मैच का बहिष्कार करने पर विचार कर रहे हैं ताकि यह मैसेज जाए कि मानवाधिकारों का उल्लंघन किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है।” हालांकि, इस मुद्दे पर अभी तक अंतिम फैसला नहीं लिया गया है।

इंग्लैंड के लिए यह फैसला क्यों कठिन है?

अफगानिस्तान के खिलाफ मैच का बहिष्कार करना इंग्लैंड के लिए एक कठिन फैसला हो सकता है। चैंपियंस ट्रॉफी एक आईसीसी इवेंट है, और इसमें किसी भी मैच का बहिष्कार करना टूर्नामेंट नियमों के खिलाफ हो सकता है।

ICC का रुख

आईसीसी ने अब तक इस विवाद पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है। आईसीसी के नियमों के अनुसार, अगर कोई टीम निर्धारित मैच नहीं खेलती है, तो उसे टूर्नामेंट से बाहर किया जा सकता है। ऐसे में इंग्लैंड को इस मुद्दे पर बेहद सावधानी से फैसला लेना होगा।