Vastu Tips For Study: बच्चों को लेकर कर के ये देखा गया है कि अचानक से उनका मूड बदल जाता है और पढ़ने लिखने का काम धीरे – धीरे खत्म होना शुरू हो जाता है। ऐसे में बच्चों के संग उनके पेरेंट्स भी स्ट्रेस में आ जाते हैँ। लेकिन क्या आपको पता है कि पढ़ने में मन नहीं लगता है तो वास्तु दोष भी इसके पीछे के मुख्य कारण हो सकते हैँ। ऐसे में आज हम आपको वास्तु में बताए गए इन उपायों के बारे में बतायेंगे, जो कि बहुत ही ज्यादा काम कि साबित हो सकती हैँ।

बच्चों के रूम में न रखें ये चीजें

ध्यान रखें कि बच्चों के रूम में स्पेशली अच्छे से प्रॉपर रोशनी आनी चाहिए। जिन बच्चों के रूम में सही से रोशनी नहीं आती है उनका मन देखा जाता है कि स्थिर नहीं रहता है और एक जगह से दूसरी जगह और दूसरी से तीसरी इस तरह से भटकता रहता है। वहीं, बच्चों के कमरे में गलती से भी बंद घड़ी को न रखें। क्युंकि बंद घड़ी अशुभता का प्रतीक है।

इस तरह कि रूम में न हों दीवारें

वास्तु शास्त्र के अनुसार बच्चों के कमरों कि दीवारें हमेशा लाइट रंग कि होनी चाहिए जैसे कि लाइट या बेबी पिंक, आसमानी, सफ़ेद, फिरोजी कलर इस तरह कि होनी चाहिए। ध्यान रहे कि बच्चों के कमरों में कभी भी डार्क पेंट न करवाएं जैसे कि डार्क ब्लू, ब्लैक आदि। वरना नेगेटिविटी छा सकती है।

बच्चों कि स्टडी टेबल होनी चाहिए इस तरह कि

बच्चों के रूम में हमेशा माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश जी कि तस्वीर को जरूर होनी चाहिए। क्युंकि इनके होने से बच्चों के पास सुख समृद्धि और किसी भी चीज कि कमी नहीं होती है। इनकी छोटी सी मूर्ति को आप टेबल के ऊपर भी रख सकती हैँ।

इस दिशा कि ओर बच्चों का रूम चाहिए होना

बच्चों के रूम कि बात करें तो उत्तर पूर्व दिशा सबसे ज्यादा शुभ मानी जाती हैँ। वहीं, इस रूम में सही से उजाला भी आना चाहिए ताकि सूर्यदेव जी का आशीर्वाद बना रहे। उत्तर पूर्व दिशा मानसिक सेहत के लिए शुभ मानी जाती है। इसलिए इस ओर रूम बनवा सकते हैँ।