नई दिल्ली: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रहे पांचवें और अंतिम टेस्ट मैच में जसप्रीत बुमराह ने भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक नई उपलब्धि हासिल की। पहले दिन के अंत में ऑस्ट्रेलिया ने 1 विकेट पर 9 रन बनाए थे, जिसमें बुमराह ने आखिरी गेंद पर उस्मान ख्वाजा को आउट कर भारत को शुरुआती सफलता दिलाई। दूसरे दिन का आगाज भी बुमराह ने शानदार अंदाज में किया और मार्नस लाबुशेन को महज 2 रन पर पवेलियन भेज दिया। इस विकेट के साथ ही उन्होंने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 32 विकेट लेकर नया कीर्तिमान रच दिया।
बुमराह ने तोड़ा 53 साल पुराना रिकॉर्ड
जसप्रीत बुमराह ने ऑस्ट्रेलिया में एक टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। उन्होंने 53 साल पुराने बिशन सिंह बेदी के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए यह मुकाम हासिल किया। बेदी ने 1977-78 में ऑस्ट्रेलिया में एक टेस्ट सीरीज में 31 विकेट लिए थे।
ऑस्ट्रेलिया में एक टेस्ट सीरीज में भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट:
32 – जसप्रीत बुमराह (2024/25)
31 – बिशन सिंह बेदी (1977/78)
28 – बीएस चंद्रशेखर (1977/78)
25 – ईएएस प्रसन्ना (1967/68)
25 – कपिल देव (1991/92)
दूसरे दिन के खेल में जसप्रीत बुमराह ने अपने स्पेल की शुरुआत से ही ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों पर दबाव बनाए रखा। उन्होंने सातवें ओवर की दूसरी गेंद पर मार्नस लाबुशेन को पवेलियन का रास्ता दिखाया। उनकी गुड लेंथ गेंद पर लाबुशेन बीट हुए और विकेटकीपर ऋषभ पंत ने शानदार कैच लपका। यह विकेट बेहद खास रहा क्योंकि इसके साथ ही बुमराह ने भारतीय क्रिकेट इतिहास में अपनी जगह और भी पक्की कर ली।
जसप्रीत बुमराह ने न केवल गेंदबाजी में अपनी धार दिखाई, बल्कि कप्तानी में भी टीम को संभाला। बुमराह की गेंदबाजी में गति, स्विंग और सटीकता का बेहतरीन संयोजन है। उन्होंने इस सीरीज में भारत के लिए वह कर दिखाया, जो अब तक कोई भारतीय गेंदबाज नहीं कर सका।
भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। हालांकि, भारतीय बल्लेबाज ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के आगे टिक नहीं सके। ऋषभ पंत ने 40 रनों की संघर्षपूर्ण पारी खेली, लेकिन टीम 185 रनों पर ही सिमट गई। स्कॉट बोलैंड ने 4 विकेट लेकर भारतीय बल्लेबाजी की कमर तोड़ दी, जबकि मिचेल स्टार्क और पैट कमिंस ने भी शानदार गेंदबाजी की।
क्या टीम इंडिया कर पाएगी वापसी?
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यह टेस्ट भारत के लिए करो या मरो का मुकाबला है। सीरीज में 2-1 से पिछड़ रही टीम इंडिया को अगर यह टेस्ट जीतना है, तो उन्हें बुमराह के साथ अन्य गेंदबाजों और बल्लेबाजों से भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद करनी होगी।