नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम इस समय बड़े बदलावों के दौर से गुजर रही है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चल रही टेस्ट सीरीज में टीम का प्रदर्शन सवालों के घेरे में है। खासकर, जब पांचवें टेस्ट के लिए जसप्रीत बुमराह ने टॉस के समय कप्तानी की तो यह स्पष्ट हो गया कि रोहित शर्मा प्लेइंग इलेवन से बाहर हैं। ऑफिसियल बयान में कहा गया कि रोहित ने टीम हित में यह फैसला लिया है, लेकिन सच्चाई यह है कि कोई भी कप्तान खुद अपनी जगह छोड़ने का निर्णय नहीं लेता। इस बीच, विराट कोहली का खेलना कई सवाल खड़े करता है। क्या उनके आंकड़े रोहित से बेहतर हैं, या फिर उनके साथ कुछ विशेष छूट दी जा रही है?

पिछले पांच साल में रोहित शर्मा का टेस्ट प्रदर्शन

2020 से 2024 के बीच रोहित शर्मा ने कुल 63 टेस्ट पारियां खेली हैं और 2160 रन बनाए। उनका औसत 36 का और स्ट्राइक रेट 55.03 का रहा है। इस दौरान उन्होंने 6 शतक लगाए हैं, जिसमें सर्वश्रेष्ठ स्कोर 161 रन का है। हालांकि यह प्रदर्शन उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता, लेकिन यह कहना भी गलत नहीं होगा कि उन्होंने टीम के लिए अहम योगदान दिए हैं। फिर भी, सिडनी टेस्ट में उन्हें बाहर बैठाया गया।

विराट कोहली के पिछले पांच साल के आंकड़े

दूसरी ओर, विराट कोहली ने 2020 से 2024 के बीच 67 टेस्ट पारियां खेली हैं और 2005 रन बनाए हैं। उनका औसत 31.33 और स्ट्राइक रेट 49.26 का है। इन पांच वर्षों में उन्होंने केवल 3 शतक लगाए हैं, जिनमें सर्वश्रेष्ठ स्कोर 186 रन का है। स्पष्ट रूप से, कोहली का औसत और प्रदर्शन रोहित के मुकाबले हल्का है। रोहित ने जहां 6 शतक लगाए, वहीं कोहली ने केवल 3। फिर भी, कोहली टीम में बने हुए हैं जबकि रोहित को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।

क्या कोहली और रोहित दोनों को होना चाहिए टीम से बाहर?

रोहित शर्मा का प्रदर्शन भले ही औसत रहा हो, लेकिन कोहली का हाल भी कुछ खास नहीं है। सिडनी टेस्ट में कोहली ने 69 गेंदों पर केवल 17 रन बनाए और उनकी पारी में एक भी चौका नहीं था। यह साफ करता है कि सिर्फ रोहित ही नहीं, बल्कि कोहली को भी प्लेइंग इलेवन से बाहर किया जाना चाहिए था। सलेक्टर्स को ऐसे खिलाड़ियों को मौका देना चाहिए, जो मौजूदा फॉर्म में बेहतर हों और टीम को नई दिशा दे सकें।