नई दिल्ली: रोहित शर्मा को सिडनी टेस्ट मैच से बाहर किया जाना, क्रिकेट जगत में चर्चा का टॉपिक बन गया है। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान मार्क टेलर का कहना है कि रोहित का बाहर होना कोई अपराध नहीं है, क्योंकि उनका प्रदर्शन हाल के समय में बहुत खराब रहा है। टेलर ने साफ शब्दों में कहा कि एक कप्तान कभी भी सीरीज के निर्णायक मैच में खुद को बाहर नहीं करता है, और यही वजह है कि रोहित शर्मा को टीम से बाहर किया गया है।
मार्क टेलर ने यह भी कहा कि टीम मैनेजमेंट चाहे कुछ भी कहे, लेकिन सच यही है कि रोहित को खराब फॉर्म के चलते ड्रॉप किया गया है। उनके मुताबिक, यह एक प्रोफेशनल स्पोर्ट है और यहां पर खिलाड़ियों को उनकी फॉर्म के आधार पर चुना जाता है। रोहित शर्मा का बाहर होना केवल एक अस्थायी फैसला है, जो उनके खराब प्रदर्शन को देखते हुए लिया गया है।
रोहित शर्मा के खराब फॉर्म का असर
रोहित शर्मा, जो पहले भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रह चुके हैं, पिछले कुछ समय से अपने टेस्ट क्रिकेट के प्रदर्शन में असफल रहे हैं। मेलबर्न टेस्ट के बाद, यह माना जा रहा था कि यह उनका आखिरी टेस्ट मैच हो सकता है, और अब सिडनी टेस्ट में उनकी अनुपस्थिति ने इस बात की पुष्टि की है। रोहित शर्मा ने पिछले कुछ मैचों में खुद को साबित करने के लिए कोई खास प्रदर्शन नहीं किया। खराब फॉर्म और रन बनाने में विफलता के कारण उन्हें इस महत्वपूर्ण टेस्ट मैच से बाहर किया गया। उनके न खेलने से यह साबित हो गया कि उन्हें केवल आराम नहीं दिया गया, बल्कि उनका बाहर होना एक निर्णय था जो टीम की मजबूती के लिए लिया गया था।
मार्क टेलर ने अपनी बात को और स्पष्ट करते हुए कहा कि कोई भी कप्तान निर्णायक मैच में खुद को बाहर नहीं रखता। अगर कोई कप्तान ऐसा करता है तो इसका मतलब यह है कि उन्हें खराब फॉर्म के चलते बाहर किया गया है, जो कि एक नॉर्मल क्रिकेट कंडीशन है। टेलर का कहना था, “यह कोई अपराध नहीं है। यह प्रोफेशनल स्पोर्ट है, जहां हर खिलाड़ी को अपने प्रदर्शन के आधार पर ही सलेक्शन मिलते हैं।” यहां तक कि टेलर ने यह भी कहा कि रोहित शर्मा की अनुपस्थिति का मतलब यह नहीं है कि वे हमेशा के लिए बाहर हैं। यह एक अस्थायी फैसला था, जो उनकी खराब फॉर्म को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
क्या यह रोहित शर्मा का आखिरी टेस्ट मैच था?
मेलबर्न टेस्ट मैच के बाद, जो कि रोहित शर्मा का आखिरी टेस्ट मैच माना जा रहा था, अब यह सच साबित होता नजर आ रहा है। सिडनी टेस्ट में उनकी अनुपस्थिति ने इस बात को और मजबूत किया कि उनके लिए टेस्ट क्रिकेट में शायद अब एक नया चैप्टर खत्म हो गया है। भारत की अगली टेस्ट सीरीज जून में शुरू होगी, लेकिन अगर रोहित शर्मा को तब तक अपनी फॉर्म में सुधार नहीं होता, तो उनका टेस्ट करियर संकट में आ सकता है। भारतीय सलेक्शन कमिटी को यह सुनिश्चित करना होगा कि आगामी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के लिए टीम में प्रदर्शन के आधार पर ही खिलाड़ियों का सलेक्शन हो।