नई दिल्ली: सिडनी में खेले जा रहे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 के आखिरी टेस्ट मैच से रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी ने क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी है। जसप्रीत बुमराह के नेतृत्व में खेल रही भारतीय टीम के लिए यह मुकाबला आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की उम्मीदों को बनाए रखने के लिए बेहद अहम है। लेकिन रोहित की अनुपस्थिति ने उनके टेस्ट करियर को लेकर अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है। माना जा रहा है कि यह मैच उनके टेस्ट करियर का अंत हो सकता है।

रोहित शर्मा ने खुद को क्यों किया बाहर?

रोहित शर्मा ने खराब फॉर्म का हवाला देते हुए खुद को इस मैच से बाहर रखा। मेलबर्न टेस्ट में करारी हार के बाद उनके प्रदर्शन और कप्तानी को लेकर सवाल उठाए जा रहे थे। रोहित ने सीरीज के पिछले मैचों में भी अपनी बल्लेबाजी से खास योगदान नहीं दिया, जिससे टीम पर दबाव बढ़ा।

सुनील गावस्कर का बड़ा बयान

महान भारतीय बल्लेबाज सुनील गावस्कर का मानना है कि रोहित शर्मा ने अपना आखिरी टेस्ट मैच खेल लिया है। गावस्कर ने स्टार स्पोर्ट्स पर बातचीत के दौरान कहा, “मुझे लगता है कि भारत टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाएगा। यदि ऐसा होता है, तो मेलबर्न टेस्ट रोहित का आखिरी मैच होगा। टीम अब ऐसे विकल्पों की ओर देखेगी, जो 2027 तक भारतीय क्रिकेट को मजबूत कर सके।”

मेलबर्न टेस्ट में हार के बाद हेड कोच गौतम गंभीर और रोहित शर्मा के बीच तनाव की खबरें सामने आई थीं। गंभीर ने टीम की रणनीति और रोहित के प्रदर्शन पर सवाल उठाए, जिसके बाद रोहित ने यह निर्णय लिया कि वह सिडनी टेस्ट में नहीं खेलेंगे।

भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने भी गावस्कर के विचारों से सहमति जताई। शास्त्री ने कहा, “अगर घरेलू सीजन में कोई टेस्ट सीरीज होती तो रोहित शायद जारी रखने के बारे में सोचते। लेकिन अब उनके संन्यास लेने का समय आ गया है। वह 38 साल के हैं, और भारत के पास प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ियों की कमी नहीं है। यह सही समय है टीम में बदलाव का।”

क्या रोहित का टेस्ट करियर खत्म हो गया है?

रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी और एक्सपर्ट्स के बयानों से यह तय माना जा रहा है कि वह अब टेस्ट क्रिकेट में वापसी नहीं करेंगे। उनकी कप्तानी और बल्लेबाजी में गिरावट के चलते सलेक्शन कमिटी भी ऐसे विकल्पों पर विचार कर रही होगी, जो भारतीय टेस्ट क्रिकेट को नई दिशा दे सकें।