नई दिल्ली: बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच की टक्कर निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। ऑस्ट्रेलिया 2-1 की बढ़त के साथ सीरीज में आगे है, और अब 5 मैचों की इस रोमांचक सीरीज का अंतिम मुकाबला सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर खेला जाएगा। भारतीय टीम के लिए यह मुकाबला केवल सीरीज बराबरी के लिए नहीं, बल्कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के फाइनल में जगह बनाने के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है।

सिडनी में भारतीय टीम का डरावना रिकॉर्ड

सिडनी के मैदान पर भारतीय टीम का टेस्ट प्रदर्शन चिंता का विषय रहा है। यहां खेले गए कुल 13 मुकाबलों में भारत केवल 1 मैच जीत पाया है। 5 मैचों में हार और 7 मुकाबले ड्रॉ पर खत्म हुए हैं।

सिडनी में भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया टेस्ट आंकड़े

कुल मैच: 13
भारत की जीत: 1
ऑस्ट्रेलिया की जीत: 5
ड्रॉ मुकाबले: 7

सिडनी में भारत की एकमात्र जीत

भारतीय टीम ने सिडनी में अपना पहला टेस्ट 1947 में खेला था, लेकिन यहां अपनी पहली और इकलौती जीत 1978 में दर्ज की। बिशन सिंह बेदी की कप्तानी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को पारी और 2 रनों से हराया था। इसके बाद से सिडनी में जीत का इंतजार अभी तक जारी है। सिडनी में आखिरी बार भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 2021 में टेस्ट खेला गया था, जो ड्रॉ रहा। 2012 के बाद से दोनों टीमों के बीच यहां तीन मुकाबले खेले गए हैं, और सभी का परिणाम ड्रॉ रहा।

सिडनी में भारतीय बल्लेबाजों का शानदार रिकॉर्ड

हालांकि टीम के लिए सामूहिक प्रदर्शन मुश्किल रहा है, लेकिन सिडनी में कुछ भारतीय बल्लेबाजों ने व्यक्तिगत तौर पर बेहतरीन प्रदर्शन किया है।
सिडनी में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय बल्लेबाज

सचिन तेंदुलकर: 785 रन
वीवीएस लक्ष्मण: 549 रन
चेतेश्वर पुजारा: 320 रन
ऋषभ पंत: 292 रन
राहुल द्रविड़: 283 रन
विराट कोहली: 248 रन

भारतीय टीम की रणनीति

सिडनी टेस्ट में भारत को अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में बेहतर प्रदर्शन करना होगा। रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे अनुभवी बल्लेबाजों को बड़े स्कोर बनाकर टीम को मजबूत स्थिति में लाना होगा। गेंदबाजी में जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।

वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल का दबाव

सिडनी टेस्ट का परिणाम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल की तस्वीर भी साफ करेगा। अगर भारतीय टीम जीत दर्ज करती है, तो WTC के फाइनल में उसकी उम्मीदें बरकरार रहेंगी। लेकिन ड्रॉ या हार की स्थिति में ऑस्ट्रेलिया अपनी जगह पक्की कर लेगा। भारतीय टीम के लिए सिडनी का इतिहास मुश्किल भरा है, लेकिन वर्तमान टीम के पास अनुभव और टैलेंट की कोई कमी नहीं है। अगर टीम अपनी पूरी ताकत और सही रणनीति के साथ खेले तो सिडनी का सूखा खत्म हो सकता है।