नई दिल्ली: चौथे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम इंडिया को 184 रनों की करारी हार का सामना करना पड़ा। इस हार ने न केवल टीम की कमजोरियों को उजागर किया, बल्कि कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे सीनियर खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर भी सवाल खड़े कर दिए। चलिए, समझते हैं कि इस हार के पीछे कौन-कौन से बड़े कारण थे।

1. यशस्वी जायसवाल का आउट होना

यशस्वी जायसवाल का आउट होना टीम इंडिया के लिए बड़ा झटका साबित हुआ। विवाद तब शुरू हुआ जब पैट कमिंस की गेंद पर विकेट के पीछे कैच की अपील हुई। मैदानी अंपायर ने नॉट आउट करार दिया, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने DRS लिया। अल्ट्रा एज में कोई हरकत नहीं दिखी, फिर भी तीसरे अंपायर ने उन्हें आउट करार दिया। यह फैसला गलत लग रहा था, और टीम इंडिया की पारी को यह घटना मानसिक रूप से प्रभावित कर गई।

2. टॉप ऑर्डर का पूरी तरह फ्लॉप होना

भारतीय टॉप ऑर्डर की नाकामी पूरे सीरीज में साफ नजर आई। रोहित शर्मा, विराट कोहली और केएल राहुल जैसे स्टार बल्लेबाज न केवल रन बनाने में असफल रहे बल्कि टीम को स्थिरता देने में भी नाकाम रहे। पहले टेस्ट में मिडिल ऑर्डर ने पहली पारी में मात्र 63 रन और दूसरी पारी में 14 रन जोड़े। यह प्रदर्शन भारतीय टीम के लिए बेहद निराशाजनक रहा।

3. कप्तानी की कमजोर रणनीति

रोहित शर्मा की कप्तानी पर पूरे सीरीज के दौरान सवाल उठते रहे। उन्होंने ना तो सही समय पर गेंदबाजों का उपयोग किया और ना ही कंडीशन के अनुसार अपनी गेमप्लान बदला। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस के मुकाबले रोहित की योजना कमजोर नजर आई। ऐसा लगता है कि रोहित को ऑस्ट्रेलिया की कप्तानी से सीखने की जरूरत है।

4. रोहित शर्मा और विराट कोहली का खराब फॉर्म

टीम के दो सबसे अनुभवी और स्टार खिलाड़ी—रोहित शर्मा और विराट कोहली, अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में असफल रहे। रोहित ने पूरी सीरीज में केवल 31 रन बनाए, जबकि विराट ने 167 रन जोड़े, जिसमें एक शतक पर्थ टेस्ट में शामिल था। रोहित से ओपनिंग में ठोस शुरुआत और विराट से मिडिल ऑर्डर को मजबूती देने की उम्मीद थी, लेकिन दोनों ही खिलाड़ी फ्लॉप साबित हुए।

5. प्लेइंग 11 का खराब सलेक्शन

प्लेइंग 11 में चयन को लेकर भी टीम मैनेजमेंट की आलोचना हो रही है। अश्विन के संन्यास के बाद टीम में स्पिन डिपार्टमेंट कमजोर हो गया। तनुष कोटियन को स्क्वाड में शामिल किया गया, लेकिन उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला। जडेजा और वाशिंगटन सुंदर मौजूद थे, लेकिन अश्विन के विकल्प के तौर पर कुलदीप यादव को जगह न देना टीम को भारी पड़ा।