नई दिल्ली: भारतीय टीम के लिए मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) में चल रहा चौथा टेस्ट मैच निर्णायक साबित हो सकता है। आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाने के लिए इस मैच में जीतना बेहद जरूरी है। हालांकि, मौजूदा स्थिति में भारत को 96 साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए चमत्कारी प्रदर्शन करना होगा।
ऑस्ट्रेलिया ने इस मुकाबले में शुरुआत से ही अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखी है। पहले दो दिन मेजबान टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए भारत को बैकफुट पर धकेल दिया। लेकिन तीसरे दिन नीतीश कुमार रेड्डी के शतक ने भारत की वापसी की उम्मीदें जगाईं। अब चौथे दिन के खेल के बाद भारतीय टीम के सामने चुनौती पहाड़ जैसी खड़ी हो गई है।
96 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ने की चुनौती
मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर अब तक का सबसे बड़ा सफल रन चेज 1928 में हुआ था, जब इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 332 रनों का लक्ष्य हासिल किया था। इस मैदान पर इतने बड़े स्कोर का पीछा करना अब तक किसी भी टीम के लिए असंभव सा रहा है।
चौथे दिन का खेल खत्म होने तक ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी में 9 विकेट खोकर 224 रन बना लिए हैं और उनकी कुल बढ़त 333 रनों की हो गई है। यदि पांचवें दिन ऑस्ट्रेलिया बिना रन जोड़े ऑल आउट हो जाती है, तो भारत को जीत के लिए 334 रनों का लक्ष्य मिलेगा।
मेलबर्न में रन चेज का इतिहास
MCG पर कुल 34 बार लक्ष्य का पीछा करते हुए जीत दर्ज की गई है, जिनमें से 21 बार यह कारनामा ऑस्ट्रेलिया ने किया है। इंग्लैंड ने आठ बार यहां जीत हासिल की है। साल 1953 में साउथ अफ्रीका ने इस मैदान पर 295 रन का पीछा करते हुए जीत दर्ज की थी। भारत के लिए यह मैदान हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है। हालांकि, 2020 में भारत ने यहां 70 रनों का मामूली लक्ष्य हासिल करते हुए जीत दर्ज की थी। उस जीत ने भारतीय क्रिकेट को नई उम्मीदें दी थीं, लेकिन इस बार स्थिति बिल्कुल अलग है।
गाबा की यादें दोहरानी होंगी
भारत को यह मैच जीतने के लिए 2021 में ब्रिस्बेन के गाबा में किए गए ऐतिहासिक प्रदर्शन को दोहराना होगा। उस समय भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 328 रनों का लक्ष्य चेज करते हुए ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। यह बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के इतिहास का सबसे बड़ा रन चेज था।
अगर इस बार भारतीय टीम 334 रनों का लक्ष्य हासिल करने में कामयाब रहती है, तो यह न केवल मेलबर्न में नया इतिहास लिखेगा, बल्कि भारतीय क्रिकेट में एक नई उपलब्धि जोड़ देगा। टीम को बड़े लक्ष्य का पीछा करने का अनुभव है और गाबा जैसी जीत ने दिखा दिया है कि दबाव में भी यह टीम कमाल कर सकती है। भारत को न केवल बेहतर रणनीति बल्कि मानसिक मजबूती भी दिखानी होगी।