नई दिल्ली: जसप्रीत बुमराह ने मेलबर्न टेस्ट में अपने शानदार प्रदर्शन से भारतीय क्रिकेट में एक और माइलस्टोन जोड़ दिया है। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (Border-Gavaskar Trophy) के 2024-25 सीज़न में बुमराह ने कुल 26 विकेट लेकर इतिहास रच दिया है। वह इस सीरीज़ में एक सीज़न में सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले भारतीय तेज़ गेंदबाज बन गए हैं। अब वह इस लिस्ट में दूसरे स्थान पर हैं और उनसे आगे सिर्फ ऑस्ट्रेलिया के बेन हिलफ़ेनहास हैं, जिन्होंने 2011-12 सीरीज़ में 27 विकेट लिए थे।
जसप्रीत बुमराह का रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन
बुमराह का नाम अब बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट में शुमार हो चुका है। इस लिस्ट में पहले स्थान पर हरभजन सिंह हैं, जिन्होंने 2001-02 सीज़न में 32 विकेट लिए थे।
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में एक सीज़न में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज
32 विकेट – हरभजन सिंह, 2001-02
29 विकेट – रविचंद्रन अश्विन, 2012-13
27 विकेट – बेन हिलफ़ेनहास, 2011-12
27 विकेट – अनिल कुंबले, 2004-05
26 विकेट – जसप्रीत बुमराह, 2024-25*
जसप्रीत बुमराह के पास अभी एक और टेस्ट पारी बाकी है, जिसमें वह रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं।
सैम कोंस्टस को बोल्ड कर लिया बदला
मेलबर्न टेस्ट की दूसरी पारी में बुमराह ने अपनी घातक गेंदबाजी का परिचय देते हुए 19 वर्षीय सैम कोंस्टस को बोल्ड कर पवेलियन की राह दिखाई। पहली पारी में कोंस्टस ने बुमराह के खिलाफ आक्रामक बल्लेबाजी करते हुए 62 रनों की तेजतर्रार पारी खेली थी। उन्होंने बुमराह की गेंदों पर दो बड़े छक्के भी जड़े थे।
दूसरी पारी में, जब कोंस्टस बुमराह का सामना करने उतरे, तो भारतीय तेज़ गेंदबाज ने शानदार इनस्विंगर के जरिए उन्हें क्लीन बोल्ड किया। यह गेंद क्रिकेट फैंस और एक्सपर्ट्स के लिए देखने लायक थी। कोंस्टस को आउट करने के बाद बुमराह ने मैदान पर उनके ही अंदाज में जश्न मनाया। यह जश्न न केवल क्रिकेट फैंस के बीच चर्चा का विषय बना, बल्कि ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों के लिए भी एक खास संदेश था।
पहली पारी के बाद बुमराह ने कहा, “कोंस्टस को मैंने पहले दो ओवर में छह-सात बार आउट करने का मौका बनाया, लेकिन क्रिकेट में ऐसा होता है कि जब विकेट नहीं मिलती, तो लोग आलोचना करने लगते हैं। मुझे नई चुनौतियों का सामना करना पसंद है, और कोंस्टस के खिलाफ गेंदबाजी करना एक अच्छी चुनौती थी।”