नई दिल्ली: मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर चल रहे चौथे टेस्ट मैच में युवा बल्लेबाज नीतीश कुमार रेड्डी ने अपने शानदार प्रदर्शन से सभी का दिल जीत लिया। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना पहला टेस्ट शतक जड़कर टीम इंडिया को मुश्किल हालात से बाहर निकाला। तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक वह 105 रन बनाकर नाबाद लौटे और आठवें विकेट के लिए वॉशिंगटन सुंदर के साथ 127 रनों की अहम साझेदारी की। यह पारी न केवल उनके करियर की शुरुआत को यादगार बनाती है बल्कि भारतीय क्रिकेट के भविष्य की एक झलक भी देती है।

सुनील गावस्कर ने किया तारीफों का अंबार

महान भारतीय क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने नीतीश रेड्डी की इस पारी को ऐतिहासिक करार देते हुए उन्हें भारतीय क्रिकेट का उभरता सितारा बताया। गावस्कर ने कहा, “नीतीश का भविष्य उज्ज्वल है। अगर वह खुद के प्रति सच्चे रहे और भारतीय क्रिकेट के प्रति अपना समर्पण बनाए रखा, तो वह एक लंबा और सफल करियर देखेंगे।”

गावस्कर ने यह भी कहा कि नीतीश को अपने परिवार के बलिदानों को याद रखना चाहिए। उनके पिता और परिवार ने जिस तरह से उनका समर्थन किया है, वह प्रेरणादायक है। उन्होंने यह सुनिश्चित करने की सलाह दी कि नीतीश भारतीय क्रिकेट को हमेशा प्राथमिकता दें।

नीतीश की शानदार बल्लेबाजी का प्रदर्शन

नीतीश रेड्डी ने अपनी पारी के दौरान 10 चौके और 1 छक्का लगाया। उनकी तकनीक और खेल पर कंट्रोल ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को परेशान कर दिया। उनकी पारी के दौरान वॉशिंगटन सुंदर ने भी 50 रन बनाकर उनका बखूबी साथ दिया। यह साझेदारी भारतीय पारी की सबसे मजबूत कड़ी साबित हुई, जिसने फॉलोऑन के खतरे को टाल दिया।

मेलबर्न टेस्ट में निर्णायक मोड़

ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 474 रनों का बड़ा स्कोर खड़ा किया था, जिसके जवाब में भारतीय टीम ने 385/9 का स्कोर बनाया। जब टीम के मुख्य बल्लेबाज सस्ते में पवेलियन लौट रहे थे, तब नीतीश ने जिम्मेदारी लेते हुए पारी को संभाला। उनकी सूझबूझ और साहस ने भारतीय टीम को पूरे दिन ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के खिलाफ टिके रहने में मदद की।

तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक भारत अभी भी ऑस्ट्रेलिया से 116 रन पीछे है। चौथे दिन नीतीश रेड्डी के पास एक और मौका होगा कि वह मोहम्मद सिराज के साथ मिलकर ऑस्ट्रेलिया की लीड को कम करें। भारतीय टीम का लक्ष्य होगा कि वह ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों पर दबाव बनाए रखे और मैच में अपनी पकड़ मजबूत करे।