Vastu Tips For Bedroom: वास्तु शास्त्र में कई चीजों के बारे में विस्तार से बताया गया है, जिसे जानना व्यक्ति के लिए बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है। वास्तु शास्त्र में ये भी डिटेल में बताया गया है कि किस ओर पूजा घर होना चाहिए ताकि आर्थिक दिक्क़तें दूर हो जाएँ। साथ ही पूरे जीवन भर धन कि कमी भी न हो। ऐसे में जान लें कि पूजा घर से जुड़े इन खास वास्तु उपायों के बारे में:
ये होनी चाहिए पूजा स्थल कि दिशा
वास्तु के अनुसार यदि मानें तो घर में ईशान कोण यानि कि उत्तर पूर्व के स्थान में ही सदैव पूजा घर होना चाहिए। अगर इस ओर किसी कारण से पूजा घर नहीं बनवा पा रहे हैँ तो पश्चिम दिशा कि ओर भी बनवा सकते हैँ। ये दिशा भी काफी ज्यादा शुभ मानी जाती है ऒर साथ ही हर प्रकार के आर्थिक दिक्क़त को ये दिशा दूर कर देती है।
भूल कर भी इस ऒर न बनवाएं पूजा घर
घर के आग्नेय कोण कि ऒर कभी भी पूजा घर को नहीं बनवाना चाहिए। दरअसल, कहा जाता है कि ये दिशा शुभ नहीं होती बल्कि अशुभ होती है और यम कि होती है। इसलिए इस दिशा में गलती से भी पूजा घर नहीं बनवाना चाहिए।
इस ओर होना चाहिए पूजा घर का मंदिर
पूजा घर जिस भी लड़की से बनवाएं वे हमेशा शुभ लकड़ियों से बना होना चाहिए। पूजा घर के मंदिर कि लकड़ियों में आप सीशम, अखतोट या सगौन कि लड़की का इस्तेमाल कर सकते हैँ।
शौचालय या स्नान घर के पास
बाथरूम के पास या इसके अगल बगल कभी भी पूजा घर नहीं बनवाना चाहिए क्युंकि ये बिलकुल भी अच्छा नहीं माना जाता है। दरअसल, बाथरूम के आस पास के स्थान में राहु और शनि ग्रह का प्रकोप हो सकता है। इसलिए सदैव इस दिशा से बचना चाहिए।
भूल कर भी पूजा घर में न रखें ये चीजें
पूजा घर में कभी भी टूटी फूटी या खंडित मूर्ति को नहीं रखा हुआ होना चाहिए क्युंकि ये अशुभता का प्रतीक होता है। वहीं, कटी फटी किताबें, टूटे कांच और साथ ही 2 शाली ग्राम भूल कर भी नहीं रखना चाहिए।
बेसमेंट या तल घर में
ये तो आपने भी देखा होगा कि कई सारे घरों में तल घर होता है वहां मंदिर बनवा देते हैँ। जबकि ये बहुत ही ज्यादा अशुभता का प्रतीक होता है और ऐसा करने से सदैव बचना चाहिए। राहु – केतु, शनि जी का प्रकोप जहाँ काफी ज्यादा हो सकता है। इसलिए इस दिशा कि ओर मंदिर न बनवाएं।