नई दिल्लीः क्रेडिट कार्ड (credit card) का यूज लगातार बढ़ता जा रहा है. नौकरी पेसे से लेकर आम लोगों तक पर क्रेडिट कार्ड (credit card) मिल जाता है. क्या आपको पता है कि क्रेडिट कार्ड (credit card) से जुड़े स्कैम भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे स्कैम के शिकार युवा खूब हो रहे हैं. जिन युवाओं की नौकरी करते हुए सैलरी कम हैं उन्हें ज्यादा निशाना बनाया जा रहा है.
इसमें सबसे बड़ी खास बात कि धोखाधड़ी आपके पैसे का किसी तरह भी नुकसान करने के साथ सिबिल स्कोर (cibil score) को भी काफी खराब करने का काम करती है. यह स्कैम कब कैसे होता है, यह जानकर आप सावाधान हो सकते हैं. अगर सावधानी नहीं बरती तो एकदम बड़ा नुकसान हो सकता है. बस नीचे इससे जुड़ी जरूरी बातें जान सकते हैं.
जानिए कैसे होता स्कैम?
क्या आपको पता है कि क्रेडिट कार्ड स्कैम (credit card scame) कैसे बढ़ता जा रहा है. जिसका आपको विशेष ध्यान रखना होगा. इसमें कई एजेंसिया आपकी निजी जानकारी जैसे नाम, फोन नंबर पैन नंबर इकट्ठा कर लेती हैं. इसके बाद में एजेंसियां आपको कॉल करके क्रेडिट कार्ड पर बड़ी लिमिट (credit card limit) का भी वादा करती नजर आती हैं.
ऐसे में आपको कॉल करने वाले भी बड़ी मोटे फायदे का झांसा देते हैं. कॉप पर 50,000 रुपये या इससे अधिक क्रेडिट कार्ड लिमिट (credit limit) देने की बात कही जाती है. ऐसी स्थिति में आप अप्लाई कर लेते हैं तो सारी प्रक्रियाएं पूरी होती हैं. इसमें आपको बहुत कम क्रेडिट लिमिट (credit card limit) वाला क्रेडिट कार्ड प्रोवाइड कराया जाता है.
इस स्थित में समझना पड़ेगा कि व्यक्ति को 50000 रुपये की सीमा का किया या. पर कार्ड की सीमा सिर्फ 25,0000 रुपये ही निकली है. किसी वजह से ऐसा हुआ तो सिबिल स्कोर (cibil card) पर असर डालने का काम कर सकता है.
जानिए कैसे खराब होता सिबिल स्कोर?
क्रेडिट कार्ड (credit card) का यूज एक छोटे लोन की तरह माना जाता है. किसी वजह से क्रेडिट लिमिट (credit limit) का हिस्सा खर्च कर देते हैं तो आपके क्रेडिट स्कोर (credit limit) पर निगेटिव असर डालने का काम कर सकता है. उदाहरण के लिए अगर आपके क्रेडिट की लिमिट 25000 रुपये और आप 20000 रुपये खर्च करने का काम करते हैं. वहीं, क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो 75 फीसदी तक हो जाता है, यह सही रूप से 30 फीसदी से कम होना जरूरी है.
उच्च यूटिलाइजेशन रेशियो भी आपके सिबिल स्कोर को घटाने का काम करता है. वैसे भी इन एजेंसियों का मकसद सिर्फ कार्ड की बिक्री करना रहता है. कंपनियों को क्रेडिट कार्ड की बिक्री करने पर इन्हें कमिशन दिया जाता है. अधिक लिमिट का झांस देकर कार्ड की बिक्री कर देते हैं. ग्राहकों की वित्तीय स्थिति और क्रेडिट स्कोर पर गलत असर पड़ता है.
कैसे करें बचाव?
आप इस तरह के स्कैम से बचने के लिए सीधे बैंक जाकर संपर्क कर सकते हैं, जानकारों के अनुसार, नए क्रेडिट कार्ड के लिए सीधे बैंक से बातचीत करें. वैसे भी बैंक द्वारा दी गई जानकारी अधिक विश्वसनीय और सुरक्षित रहती है. वहीं कार्ड की शर्तें पढ़ने की जरूरत होगी.