नई दिल्ली: मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) पर 26 दिसंबर से शुरू हो रहे बॉक्सिंग डे टेस्ट में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक बार फिर रोमांचक मुकाबला देखने को मिलेगा। यह पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का चौथा मुकाबला है, और इसमें भारतीय टीम का बैटिंग ऑर्डर बदलता नजर आ सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कप्तान रोहित शर्मा फिर से ओपनिंग करते हुए दिख सकते हैं। रोहित पिछले दो मैचों में नंबर 6 पर बल्लेबाजी कर रहे थे, लेकिन उनकी खराब फॉर्म के चलते यह निर्णय लिया गया है।
क्या कप्तान रोहित फिर करेंगे ओपनिंग?
तीन मैचों में भारतीय ओपनिंग जोड़ी केएल राहुल और यशस्वी जायसवाल ने पारी की शुरुआत की थी। केएल राहुल ने दो मुकाबलों में ठीक-ठाक प्रदर्शन किया, जबकि यशस्वी जायसवाल ने सिर्फ एक बड़ी पारी खेली। वहीं, रोहित शर्मा का प्रदर्शन इन मैचों में बेहद निराशाजनक रहा। अब कप्तान रोहित को प्रमोट करके ओपनिंग की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
केएल राहुल के लिए नई भूमिका
अगर रोहित शर्मा और यशस्वी जायसवाल ओपनिंग करेंगे, तो सवाल उठता है कि केएल राहुल कहां बल्लेबाजी करेंगे? रिपोर्ट्स की मानें तो राहुल तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते नजर आएंगे। यह कदम उनके तकनीकी कौशल और अनुभव को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। राहुल को मिडिल ऑर्डर में बैटिंग का अच्छा अनुभव है, और उनका संयम इस स्थिति में टीम के लिए मददगार हो सकता है।
शुभमन गिल की स्थिति पर सवाल
शुभमन गिल के प्रदर्शन की बात करें तो वह इस सीरीज में अब तक ज्यादा प्रभावी नहीं रहे हैं। गिल को छठे नंबर पर भेजा जा सकता है, ताकि पुरानी गेंद के खिलाफ उन्हें ज्यादा समय मिल सके। हालांकि, यह भी मुमकिन है कि गिल को टीम से बाहर कर दिया जाए और उनकी जगह वॉशिंगटन सुंदर को प्लेइंग इलेवन में शामिल किया जाए।
मिडिल ऑर्डर की मजबूती
विराट कोहली का चौथे नंबर पर खेलना तय है। उन्होंने इस सीरीज में अब तक कुछ बेहतरीन पारियां खेली हैं और टीम को मुश्किल समय में संभाला है। पांचवें नंबर पर ऋषभ पंत खेलेंगे, जो अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं। एमसीजी की पिच को देखते हुए वॉशिंगटन सुंदर को नितीश रेड्डी की जगह मौका दिया जा सकता है। सुंदर न केवल गेंद से मददगार हैं बल्कि बल्ले से भी टीम को स्थिरता दे सकते हैं। उनका चयन टीम के संतुलन को बेहतर बना सकता है।
मेलबर्न की पिच बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों के लिए मददगार है। पहली पारी में बल्लेबाजी आसान होगी, लेकिन जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ेगा, स्पिनरों को मदद मिलने की संभावना है। ऐसे में टीम इंडिया की रणनीति शुरुआत से ही मजबूत पकड़ बनाने की होगी।