नई दिल्ली: मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) पर 26 दिसंबर से शुरू हो रहे बॉक्सिंग-डे टेस्ट में भारतीय टीम और यशस्वी जायसवाल दोनों के लिए बहुत कुछ दांव पर होगा। 2024 का यह आखिरी टेस्ट मुकाबला है, और जायसवाल के पास खुद को साबित करने का सुनहरा अवसर है। इस साल उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन किया है, और वह 1312 रनों के साथ साल के दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं।

यशस्वी की नजरें जो रूट को पीछे छोड़ने पर हैं। इसके लिए उन्हें इस मुकाबले में 245 रन बनाने की जरूरत है। हालाँकि, यह आसान नहीं होगा, लेकिन जायसवाल के मौजूदा फॉर्म और उनके बल्लेबाजी कौशल को देखते हुए, यह असंभव भी नहीं है।

मेलबर्न का पिच और परिस्थिति बल्लेबाजों के लिए मददगार मानी जाती है। ऐसे में यशस्वी जायसवाल के पास एक और बड़ी पारी खेलने का सुनहरा मौका रहेगा। लेकिन ऑस्ट्रेलिया की घातक गेंदबाजी अटैक को देखते हुए यह सफर आसान नहीं होगा।

बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में यशस्वी जायसवाल ने अब तक 193 रन बनाए हैं। पर्थ टेस्ट में उनकी 161 रनों की शानदार पारी ने सभी का ध्यान खींचा, लेकिन बाकी 5 पारियों में उनका बल्ला खामोश रहा। मेलबर्न की बल्लेबाजी के अनुकूल पिच पर जायसवाल को न केवल अपनी पिछली गलतियों से सीखना होगा, बल्कि अपनी तकनीक और धैर्य को भी साबित करना होगा।

साल 2024 यशस्वी जायसवाल के लिए खास रहा। उन्होंने 14 टेस्ट मैचों में 52.48 के औसत से 1312 रन बनाए, जिसमें 3 शतक और 7 अर्धशतक शामिल हैं। यह प्रदर्शन बताता है कि वह लंबे फॉर्मेट में कितने परिपक्व और काबिल खिलाड़ी बन चुके हैं। उनके इस प्रदर्शन ने उन्हें भारतीय टीम का प्रमुख बल्लेबाज बना दिया है।

यह टेस्ट न केवल यशस्वी बल्कि पूरी टीम इंडिया के लिए भी अहम है। यह साल का आखिरी टेस्ट है, और टीम चाहेगी कि वह इसे जीत के साथ खत्म करे। रोहित शर्मा की कप्तानी में भारत का प्रदर्शन अब तक शानदार रहा है, और मेलबर्न में जीत से भारत को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में एक मजबूत स्थिति मिलेगी।