नई दिल्लीः क्या मोदी सरकार (Modi Government) इस बार केंद्रीय पूर्ण बजट में किसान को बड़ा तोहफा देने जा रही है. माना जा रहा है कि केंद्र सरकार (Central Government) पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) की किस्त की राशि को बढ़ाकर दोगुना करने वाली है. अगर ऐसा सरकार ने किया तो फिर किसानों के लिए यह साल अमृत वर्ष माना जाएगा.

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट की मानें तो एक संसदीय पैनल की तरफ से पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) की किस्त की राशि को बढ़ाकर सालाना रकम 12,000 का सुझाव दिया है. संसदीय पैनल का सुझाव यह ऐसे वक्त दिया गया जब दिल्ली के बॉर्डर पर पंजाब और हरियाणा के किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं. दिल्ली में घुसने की कोशिश भी किसानों ने की, लेकिन पुलिस ने उनके बैरिकेडिंग कर उन्हें रोक दिया गया है.

क्या किसानों की किस्त की राशि में होगा इजाफा?

ऐसे में क्या सच में पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) की किस्त की राशि में इजाफा किया जाएगा. दरसल, द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जानकारी दी गई कि एग्रीकल्चर, एनिमल हसबेंडरी और फूड प्रोसेसिंग पर कांग्रेस सांसद और पंजाब के पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली स्टैंडिंग कमेटी ने अपनी प्रथम रिपोर्ट में ये सिफारिशें कर सुझाव दिया है.

यह सिफारिशें कृषि एवं किसान कल्याण की उन अनुदान मांगों पर की गई है जिस मंगलवार के दिन संसद के लोकसभा भवन में पेश किया गया. कमेट की तरफ से किसान कल्याण विभाग  (Farmers Welfare Department) का नाम बदलकर कृषि किसान एवं खेत मजदूर कल्याण विभाग करने की सिफारिश की गई है. इसमें कमेटी ने कहा पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) की राशि को दोगना करने की भी सिफारिश की है. हालांकि, सरकार ने अभी इस पर कुछ नहीं कहा है. इस हिसाब से फिर 2,000 रुपये की जगह 4,000 रुपये किस्त आने लगेगी.

एमएसपी पर कमेटी ने क्या कुछ कहा?

कमेटी की तरफ से सिफारिशें पेश करते हुए कहा कि वह यह मानती है कि कृषि विभाग को किसानों को कानूनी गारंटी के रूप में एमएसपी के इंप्लीमेंटेशन के लिए जल्द से जल्द एक रोडमैप घोषित करना होगा. हालांकि, सरकार अभी इसके पक्ष में बिल्कुल नहीं दिख रही है.

कमेट की ओर से कहा गया कि उसका मानना है कि एग्रीकल्चर प्रोडक्ट् पर बदलती इंटरनेशनल इंपोर्ट एक्सपोर्ट पॉलिसी की वजह से किसानों को नुकसान पठाना पड़ रहा है. लोकसभा में ऐसी कई सिफारिशें की गई हैं, जिन्हें सरकार की तरफ से हरी झंडी मिलने का इंतजार बड़ी ही बेसब्री से है.