PM Vishwakarma Yojana: प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा घोषित एक नई योजना है, जिसका उद्देश्य कला, शिल्प, और हस्तशिल्प के कारीगरों को सहायता और सम्मान प्रदान करना है। यह योजना देश के उन पारंपरिक कारीगरों और श्रमिकों को समर्पित है, जो अपने हुनर और कला के माध्यम से अपनी आजीविका कमा रहे हैं। योजना का उद्देश्य उनके कौशल को बढ़ावा देना, उन्हें वित्तीय सहायता देना और उनकी सामाजिक स्थिति में सुधार करना है।

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के मुख्य उद्देश्य:

1. कला और शिल्प को बढ़ावा देना: यह योजना कारीगरों और शिल्पकारों के हुनर को संजोने और बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है।

2. आर्थिक सहायता: इसके तहत कारीगरों को वित्तीय सहायता, तकनीकी प्रशिक्षण और उधारी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

3. समाजिक स्थिति में सुधार: इस योजना का उद्देश्य कारीगरों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है, जिससे उन्हें बेहतर जीवन जीने का अवसर मिले।

4. मार्केटिंग सहायता: कारीगरों के उत्पादों को व्यापक बाजार तक पहुंचाने के लिए सहायता प्रदान की जाएगी।

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लाभ:

स्वयं सहायता समूह (Self Help Groups): कारीगरों को समूहों के रूप में कार्य करने का अवसर मिलेगा, जिससे वे एकजुट होकर अपने कार्यों को और बेहतर बना सकेंगे।

कौशल विकास प्रशिक्षण: योजना के तहत कारीगरों को विभिन्न तकनीकी और कौशल विकास प्रशिक्षण दिए जाएंगे, ताकि वे अपनी कला और शिल्प को और बेहतर बना सकें।

वित्तीय सहायता: कारीगरों को उनके व्यापार के लिए ऋण की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।

मान्यता और पुरस्कार: इस योजना के तहत कारीगरों को उनके काम के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पहचान और पुरस्कार मिल सकते हैं।

योजना के तहत पात्र व्यक्ति:

वे कारीगर और शिल्पकार जो पारंपरिक कला, शिल्प, निर्माण, निर्माण कार्य आदि में विशेषज्ञता रखते हैं, इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

इस योजना में छोटे और मध्यम स्तर के कारीगरों को अधिक प्राथमिकता दी जाएगी।

निष्कर्ष:

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना उन कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जो पारंपरिक कला और शिल्प के माध्यम से देश की सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखते हैं। यह योजना उनकी जीवनशैली को बेहतर बनाने और उनके कौशल को पहचान देने का एक प्रभावी तरीका साबित हो सकती है।