Personal Loan: पर्सनल लोन लेते समय कई बार एजेंट या बैंक कुछ शुल्क छुपाने की कोशिश करते हैं, जिससे आपकी लोन लागत बढ़ सकती है। यहां उन प्रमुख चार्जेस की जानकारी दी गई है जो अक्सर पर्सनल लोन पर लागू होते हैं:

1. प्रोसेसिंग फीस:
यह शुल्क लोन आवेदन की प्रोसेसिंग के लिए लिया जाता है। यह आमतौर पर लोन राशि का 1-3% होता है और नॉन-रिफंडेबल होता है।

2. फोरक्लोज़र चार्ज:
अगर आप लोन की पूरी राशि अवधि समाप्त होने से पहले चुकाना चाहते हैं, तो बैंक फोरक्लोज़र चार्ज ले सकता है, जो लोन राशि का 2-5% तक हो सकता है।

3. लेट पेमेंट चार्ज:
समय पर ईएमआई न चुकाने पर लेट पेमेंट शुल्क लगाया जाता है। यह जुर्माना 500 रुपये से लेकर लोन राशि के 2% तक हो सकता है।

4. इंश्योरेंस प्रीमियम:
कई बैंक लोन पर इंश्योरेंस पॉलिसी जोड़ते हैं, जिसकी प्रीमियम राशि आपको चुकानी पड़ सकती है। यह शुल्क आमतौर पर लोन राशि में शामिल कर दिया जाता है।

5. स्टांप ड्यूटी और डॉक्युमेंटेशन फीस:
लोन एग्रीमेंट के लिए ली जाने वाली स्टांप ड्यूटी और डॉक्युमेंटेशन शुल्क भी जोड़ा जाता है।

सुझाव:
लोन लेने से पहले सभी चार्जेस की पूरी जानकारी लें और टर्म्स एंड कंडीशन्स को ध्यान से पढ़ें। किसी भी चार्ज पर संदेह हो तो बैंक से स्पष्टीकरण मांगें।

पर्सनल लोन से जुड़ी कुछ और महत्वपूर्ण बातें जाननी चाहिए ताकि आप सही निर्णय ले सकें:

1. इंटरेस्ट रेट पर ध्यान दें

पर्सनल लोन की ब्याज दरें (Interest Rate) आमतौर पर 10% से 24% तक हो सकती हैं।

बैंक और एनबीएफसी कम ब्याज दर का विज्ञापन करते हैं, लेकिन ये आपके क्रेडिट स्कोर, आय, और रिपेमेंट क्षमता पर निर्भर करती हैं।

2. क्रेडिट स्कोर का महत्व

अगर आपका CIBIL स्कोर 750 या उससे ऊपर है, तो आपको कम ब्याज दर पर लोन मिल सकता है।

खराब स्कोर होने पर ब्याज दर ज्यादा होगी या लोन रिजेक्ट हो सकता है।

3. लोन की अवधि (Tenure)

पर्सनल लोन की अवधि 1 साल से 5 साल तक होती है।

लंबी अवधि का मतलब है कम EMI, लेकिन कुल ब्याज ज्यादा चुकाना पड़ेगा।

4. बिना गारंटी के लोन (Unsecured Loan)

पर्सनल लोन बिना गारंटी या संपत्ति के लिया जाता है, इसलिए बैंक इसे ज्यादा जोखिम भरा मानते हैं और ब्याज दर ज्यादा होती है।

5. छिपे हुए शुल्कों से बचें

लोन एग्रीमेंट में दिए गए हर शब्द को ध्यान से पढ़ें।

कुछ शुल्क, जैसे कि प्रोसेसिंग फीस और GST, अक्सर शुरुआत में बताए नहीं जाते।

6. दुर्बलता से बचें (Debt Trap)

जरूरत से ज्यादा लोन लेने से बचें।

सिर्फ उतनी ही राशि लें, जितनी आप आसानी से चुका सकें।

7. प्रत्येक बैंक की तुलना करें

अलग-अलग बैंकों और फाइनेंस कंपनियों की ब्याज दर, शुल्क और शर्तों की तुलना करें।

ऑनलाइन लोन कम्पैरिजन टूल्स का उपयोग करें।

अगर आपके पास और सवाल हों या किसी खास योजना या बैंक के बारे में जानना हो, तो बताइए!