LPG Gas Cylinder: सरकार ने कमर्शियल LPG सिलेंडर की कीमत में 16.5 रुपये का इज़ाफ़ा कर दिया है। अब कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत 1,738.5 रुपये (14.2 किलो) हो गई है। यह बढ़ोतरी 6 दिसंबर 2024 से लागू हो गई है।

इस वृद्धि का असर छोटे होटल, रेस्टोरेंट, और अन्य कमर्शियल जगहों पर पड़ेगा, क्योंकि ये संस्थान अधिकतर कमर्शियल LPG सिलेंडर का उपयोग करते हैं। घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में बदलाव फिलहाल नहीं हुआ है, लेकिन कमर्शियल सिलेंडर की कीमत में बढ़ोतरी से व्यापारियों की लागत बढ़ जाएगी।

यह बढ़ोतरी पेट्रोलियम कंपनियों के बढ़ते अंतरराष्ट्रीय गैस और कच्चे तेल के दामों के कारण की गई है। इस बढ़ोतरी के बाद व्यवसायों को अपने उत्पादों की कीमतें बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है, जिससे आम लोगों पर भी इसका असर पड़ सकता है।

कमर्शियल LPG सिलेंडर की कीमतों में वृद्धि से जुड़ी कुछ और महत्वपूर्ण बातें:

1. क्यों बढ़ी कीमतें:

कच्चे तेल और गैस के अंतरराष्ट्रीय दामों में वृद्धि के कारण इस समय पेट्रोलियम कंपनियों को अपने लागत को कवर करने के लिए कमर्शियल LPG सिलेंडर की कीमतें बढ़ानी पड़ी हैं। तेल उत्पादक देशों के समूह (OPEC) और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में उतार-चढ़ाव से गैस की कीमतों पर दबाव बढ़ा है।

2. पेट्रोलियम कंपनियों का रुख:

पेट्रोलियम कंपनियां इस वृद्धि को आर्थिक दबाव और स्रोतों की महंगाई के कारण उचित मानती हैं। सिलेंडर के दाम बढ़ने से इन कंपनियों को अपने लाभ को बनाए रखने में मदद मिलती है, लेकिन इसके साथ ही आम उपभोक्ताओं और व्यापारों के लिए लागत बढ़ जाती है।

3. बढ़ती कीमतों का असर:

इस कीमत वृद्धि का छोटे और मंझले व्यापारों पर खासा असर पड़ेगा, जैसे कि रेस्टोरेंट, होटल्स, कैंटीन, और अन्य कमर्शियल किचन। ये संस्थान आमतौर पर बड़े पैमाने पर गैस सिलेंडर का उपयोग करते हैं। ऐसे में उनके लिए लागत बढ़ने के बाद कीमतें बढ़ाना या मार्जिन घटाना एक विकल्प हो सकता है।

4. सावधानी बरतने की सलाह:

व्यापारियों को सलाह दी जाती है कि वे LPG सिलेंडर की खपत को कम करने के तरीके खोजें, जैसे कि ऊर्जा-efficient गैस उपकरणों का उपयोग करना। इसके अलावा, एलपीजी गैस के वैकल्पिक स्रोतों जैसे सोलर पावर और प्राकृतिक गैस पर भी विचार किया जा सकता है।

5. आम उपभोक्ताओं पर असर:

हालांकि घरेलू सिलेंडर की कीमतों में फिलहाल कोई वृद्धि नहीं हुई है, लेकिन कमर्शियल सिलेंडर की कीमत में बढ़ोतरी से महंगाई का असर व्यापारों द्वारा किए जाने वाले उत्पादों और सेवाओं की कीमतों पर हो सकता है। इससे समग्र महंगाई दर में भी इजाफा हो सकता है, खासकर उन वस्तुओं पर जो गैस का उपयोग करती हैं।

यह वृद्धि महंगाई के बढ़ते दबाव को और भी अधिक महसूस कराती है, जिससे आम जनता और व्यापारियों दोनों को अपनी आर्थिक योजना में बदलाव करने की आवश्यकता हो सकती है।