RBI Update: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में कृषि लोन से संबंधित महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि किसानों के लिए लोन के नियमों को आसान कर दिया गया है। अब बिना गारंटी के कृषि लोन की सीमा को बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया गया है, जबकि पहले यह सीमा 1.6 लाख रुपये थी।
इस कदम से किसानों को आर्थिक राहत मिलेगी, क्योंकि अब वे बिना गारंटी के 2 लाख रुपये तक का लोन ले सकेंगे, जो कृषि कार्यों के लिए आवश्यक पूंजी को जुटाने में मदद करेगा। यह कदम कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने और किसानों को वित्तीय सहायता देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्य बिंदु:
1. कृषि लोन की सीमा को 1.6 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये किया गया।
2. लोन बिना गारंटी के मिलेगा, जो किसानों के लिए राहतकारी है।
3. यह कदम कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है।
इस फैसले से किसानों को अपने कृषि कार्यों के लिए आवश्यक धनराशि आसानी से मिल सकेगी, जिससे उनका आर्थिक विकास और कृषि उत्पादन बढ़ने की संभावना है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने पॉलिसी फैसलों के दौरान कृषि लोन से जुड़े कुछ और महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है, जो किसानों के लिए फायदेमंद साबित होंगे। इसके अलावा, उन्होंने ब्याज दरों और वित्तीय समावेशन के लिए भी कुछ कदम उठाए हैं।
1. लोन की सीमा में वृद्धि: अब बिना गारंटी के किसानों को 2 लाख रुपये तक का लोन मिलेगा। इससे पहले यह सीमा 1.6 लाख रुपये थी, जिसे अब बढ़ा दिया गया है। यह निर्णय किसानों को आसान शर्तों पर अधिक राशि उपलब्ध कराने के लिए लिया गया है, ताकि वे अपनी खेती के लिए आवश्यक संसाधनों की खरीददारी आसानी से कर सकें।
2. आर्थिक समावेशन: आरबीआई के फैसले से वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे छोटे और सीमांत किसानों के लिए वित्तीय सेवा को और सुलभ बनाया जाएगा।
3. कृषि क्षेत्र को समर्थन: इस कदम से कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ने की संभावना है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत है। इससे न केवल किसानों को आर्थिक सहायता मिलेगी, बल्कि कृषि उत्पादकता और रोजगार के अवसर भी बढ़ सकते हैं।
4. नवीनतम फैसले: इसके साथ ही, आरबीआई ने रिवर्स रेपो दर, रेपो दर और ब्याज दरों में भी कुछ बदलाव किए हैं, ताकि बैंकिंग प्रणाली और कृषि क्षेत्र को अतिरिक्त सपोर्ट मिले।
यह पहलें किसानों की वित्तीय स्थिति सुधारने के साथ-साथ, समाज के अन्य हिस्सों के लिए भी राहतकारी साबित हो सकती हैं, जिससे आर्थिक विकास की गति तेज हो सकती है।