Traffic Police: पुलिस ऐसे दोपहिया वाहन चालकों की आसानी से पहचान कर रही है जो बिना हेलमेट, अवैध नंबर प्लेट, मॉडिफाइड साइलेंसर या अन्य नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। कई बार मॉडिफाइड बाइक या स्कूटर जो अत्यधिक शोर मचाते हैं या अन्य सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करते हैं।

उनकी पुलिस तुरंत पहचान कर चालान काट रही है। इसके तहत ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के मामलों में 25,000 रुपये तक का चालान काटा जा सकता है। खासकर अवैध मॉडिफिकेशन, रेसिंग और अन्य खतरनाक ड्राइविंग प्रैक्टिस पर सख्ती बरती जा रही है।

ट्रैफिक पुलिस ने ऐसे दोपहिया वाहन और बाइकर्स पर खास ध्यान देना शुरू कर दिया है जो ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, खासकर जो अपनी बाइक में अवैध मॉडिफिकेशन करते हैं। इनमें मॉडिफाइड साइलेंसर, तेज हॉर्न, अवैध नंबर प्लेट और वाहन की बॉडी में बदलाव जैसे मॉडिफिकेशन शामिल हैं।

इसके अलावा बिना हेलमेट के वाहन चलाना, गलत दिशा में वाहन चलाना, रेड लाइट जंप करना और ओवरस्पीडिंग जैसे गंभीर उल्लंघनों पर भी भारी चालान लगाए जा रहे हैं। पुलिस ड्रोन, सीसीटीवी कैमरे और ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन सिस्टम (एएनपीआर) की मदद से भी ऐसे वाहनों की पहचान कर रही है।

कई जगहों पर विशेष अभियान चल रहे हैं, जहां पुलिस नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है। चालान की राशि अपराध की गंभीरता पर निर्भर करती है, जो 2,000 रुपये से लेकर 25,000 रुपये तक हो सकती है।

इसके अलावा पुलिस ने मॉडिफाइड वाहनों पर भी कड़ी नजर रखनी शुरू कर दी है, क्योंकि ये न सिर्फ ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करते हैं, बल्कि दूसरे लोगों के लिए भी खतरा पैदा करते हैं। मॉडिफाइड साइलेंसर से निकलने वाली तेज आवाज से न सिर्फ ध्वनि प्रदूषण होता है, बल्कि लोगों को भी परेशानी होती है। इसी वजह से पुलिस मॉडिफाइड वाहनों पर सख्त हो गई है और ऐसे वाहनों का चालान करने के साथ ही उन्हें जब्त भी किया जा रहा है।

पुलिस कई जगहों पर विशेष चेकिंग अभियान भी चला रही है, जिसमें बाइकर्स के लाइसेंस, वाहन के दस्तावेज और वाहन फिटनेस सर्टिफिकेट की भी जांच की जा रही है। अगर इन दस्तावेजों में कोई कमी पाई जाती है, तो चालान भी किया जा रहा है। इसके अलावा शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जा रही है।

जिसमें भारी जुर्माना और लाइसेंस रद्द करने जैसे कदम उठाए जा रहे हैं। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स के तहत कई शहरों में उन्नत तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। जैसे कि ऑटोमेटिक चालान बनाने के लिए कैमरे लगाए गए हैं, जो ट्रैफिक उल्लंघन को रिकॉर्ड करते हैं और चालान सीधे वाहन मालिक के पते पर भेज दिया जाता है।

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