कई बार ऐसा होता है कि बिना किए हुए भी गिल्ट महसूस होता है, जरा सोंच के देखिए कि आपके साथ भी ये जरूर होता होगा। गिल्ट होने की कई सारी वजहें हो सकती हैं जैसे कि नौकरी में प्रमोशन न होना या प्रमोशन न मिलना, फैमिली और दोस्तों को चाह कर भी समय न दे पाना आदि। वहीं, बात अब स्पेशली महिलाओं की होती है तो इनकी जिंदगी में स्थायी भाव ही अपराध भाव होता है।

इसके पीछे का कारण है कि अक्सर महिलाएं काफी ज्यादा ओवरथिंक करती हैं जैसे कि रिलेशनशिप ठीक से न चल पाना, फैमिली की डिमांड्स पूरी करने में खरी न उतरना आदि कई सारी अन्य वजहें भी हो सकती हैं। आप इसी से समझ लीजिये कि गिल्ट से महिलाओं का इतना गहरा और अटूट नाता है कि यूनाइटेड किंगडम में इस बारे में सर्वे भी किया गया है। जिसमें लगभग 95 प्रतिशत महिलाओं को किसी न किसी बात से लेकर गिल्ट महसूस होता ही है। वहीं, इस बारे में भी कोई दो राय नहीं है कि गिल्ट भाव से खुद को पूरी तरह से दूर रख पाना संभव नहीं है। पर कुछ ऐसी बातें हैं जिन्हें अपनाकर के गिल्ट को कम जरूर किया जा सकता है।

जैसे हैं खुद को बस उसी तरह से स्वीकार करें

गिल्ट होता है तो सबसे पहले माइंड में यही आता है कि ये सब हमारे साथ ही क्यों हो रहा है। ऐसे में महिलाएं खुद के ऊपर ही क्रोध निकालने लगती है कि मैं ही ऐसी हूँ, या मैं यही डिज़र्व करती हूँ। लेकिन इस बात को ध्यान में रखना होता है कि खूबियां हो या खामियां ये तो सभी के भीतर ही होता है। इसलिए जब तक खुद को स्वीकारेगीं नहीं तक तक गिल्ट में रहेंगी। जब भी खुद के प्रति अच्छा सोंचना करेंगी तो रोज निराश ही रहेंगी। ऐसे में खुद के प्रति हमेशा जितना हो सके पॉजिटिव रहने की कोशिश करें।

खुद को कभी न ठहराएं जिम्मेदार

किसी भी तरह की प्रॉब्लम हो या कोई भी समस्या हो, अपराध बोध हो व्यक्ति हमेशा खुद को जिम्मेदार ठहराता है। लेकिन इस बात का भी समझना बहुत जरूरी है कि हर सिचुएशन में उसकी गलती नहीं होती। वहीं, माना कि एक बार उसकी गलती हो, लेकिन हर बार व्यक्ति कि परिस्थिति नहीं हो सकती है। इस बात को ध्यान में रखें कि व्यक्ति केवल गलतियों से ही सीखता है और मनुष्य बनता है। अपने सोंचने के नजरिए में अगर अदलाव लेकर आएंगें तो आप देखेंगें कि जिंदगी पूरी तरह से बदल गई है।

बदलाव की लेकर आइए कोशिश

अपराध भाव के कारण अगर आपके दिमाग में नकारात्मक भाव काफी ज्यादा बढ़ रहा है तो सतर्कता बरतने की काफी ज्यादा जरूरत है। बस कितना भी नेगेटिव क्यों न हो जाए प्रॉब्लम को समझें कि टेंशन में आकर आपने इस तरह का रिएक्शन दिया था। अगर आप ये सोंचना शुरू कर देंगें तो जिंदगी दिन-प्रतिदिन बेहतर होती जाएगी।

अपराध-बोध व्यक्ति को कैसे करता है प्रभावित

अपराध बोध सीधे तौर पर मेन्टल हेल्थ के ऊपर प्रभाव डालता है। लगातार अपने लिए उल्टा सीधे सोंचते हैं तो खुद के लिए हमेशा नेगटिव फील करते हैं। अगर ये लम्बे समय तक रहता है तो व्यक्ति को स्ट्रेस, एंग्जायटी, डेप्रेशन के जैसी ढेरों समस्याएं होना शुरू हो जाती हैं। इसलिए समझिए कि ये बस एक लाइफ है, जहाँ अप और डाउन फेज आते रहते हैं।

ये हो सकते हैं अपराध बोध के लक्षण

किसी भी एक चीज के बारे में लगातार सोंचना

बहुत ज्यादा दुःख होना

स्ट्रेस महसूस होना

बिन वजह से रोना

अनिद्रा मांसपेशियों में खिंचाव

दूसरों से स्ट्रेस महसूस करना

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