Vastu Upay: कई बार अपने घर में या बाहर भी बोलते हुए सुना होगा कि आजकल पता नहीं क्या हो गया कि न ही बच्चे का खेल-कूद में और बच्चों के संग पढाई में मन लगता है और न ही पढ़ाई सही चल रही है। बच्चे के भीतर अचानक से आए इस बड़े बदलाव को देखते तो सब हैं लेकिन वजह जानने की कोशिश नहीं करते हैं कि बच्चे के दिमाग में आखिरकार चल क्या रहा है।
ऐसे में अगर आपके घर, परिवार या आस पड़ोस के बच्चे पहले तो खूब भागदौड़ भी करते थे साथ ही क्लास के टॉपर भी थे। लेकिन अब उनका कुछ भी करने का मन नहीं लग रहा है। तो ऐसे में हम वास्तु उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में आपको भी पता होना चाहिए।
पढ़ाई वाले रूम में न रखें ये चीजें
बच्चों का रूम हमेशा ही ऐसा होना चाहिए, जिसमें चारों ओर से रौशनी आती हो । साथ ही साथ क्रॉस वेनटिलेशन भी होना चाहिए। इसके आलावा बच्चों के स्टडी रूम में भी वीडियो गेम्स, मोबाइल फ़ोन्स जैसी चीजें नहीं होनी चाहिए। केवल उस सामान को ही रखें जो आपके और बच्चे के लिए काम का हो। इसके अलावा स्टडी टेबल नहीं होना चाहिए।
इस कलर की होनी चाहिए दीवारें
वास्तु शास्त्र कहता है बच्चे जहाँ पढ़ाई करते हों या उनका स्टडी रूम हो वहां भी कलर ज्यादा ब्राइट नहीं होना चाहिए। इसके आलावा लाइट कलर रख सकते हैं.जैसे कि ग्रे, साम्प, मोर आयी थी।
इस कमरे में करें पढ़ाई
याद रखें कि बच्चों का रूम या स्टडी रूम हमेशा सूर्य देव जी की जगह यानी कि उत्तर पश्चिम की ओर ही होना चाहिए। क्यूंकि सूर्य देवता बच्चों के प्रति बड़े दयालु होते हैं। और अगर वो देखते हैं कि बच्चे अपने कार्य को ढंग से कर रहे हैं तो उन्हें आशीर्वाद देकर जीवन में तरक्की के लिए रास्ता सवयं तैयार करते हैं।
ये कुछ ऐसे कार्य थे और बदलाव हैं जिन्हें समझ कर आप जान सकती हैं कि बच्चे सच में कहीं वास्तु दोष का शिकार तो नहीं हो गए हैं और अगर हैं तो वास्तु उपायों को ऊपर बताया है इन्हें अपनाके वास्तु से जुड़ी दिक्क्तों को दूर कर सकते हैं।