नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और ऑस्ट्रेलिया के युवा बल्लेबाज सैम कोनस्टास के बीच सिडनी टेस्ट मैच के पहले दिन एक बड़ा विवाद हुआ था। मैच के अंतिम ओवरों में जब खेल तनावपूर्ण था, तब दोनों खिलाड़ियों के बीच तीखी बहस देखने को मिली। अंपायरों को बीच-बचाव करना पड़ा। अब सैम कोनस्टास ने अपनी गलती मानते हुए इस मामले पर खुलकर अपनी बात रखी है।

सिडनी टेस्ट के पहले दिन का खेल समाप्त होने वाला था। स्ट्राइकर एन्ड पर खड़े उस्मान ख्वाजा ने कुछ समय बर्बाद करने की कोशिश की, जिससे बुमराह नाराज हो गए। उन्होंने अंपायर से इस पर सवाल किया। नॉन-स्ट्राइकर एन्ड पर खड़े कोनस्टास ने इस पर बुमराह से बदजुबानी कर दी। इसके बाद दोनों खिलाड़ियों के बीच कहासुनी हुई, जो बढ़ते-बढ़ते गरमागरमी में बदल गई।

हालांकि, इस घटना के बाद बुमराह ने अपनी गेंदबाजी का जलवा दिखाया। अगली ही गेंद पर उन्होंने उस्मान ख्वाजा का विकेट लेकर कोनस्टास की ओर देखा और जोरदार जश्न मनाया। यह जश्न न केवल ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के लिए चेतावनी था बल्कि भारतीय फैंस के लिए भी एक प्राउड मूवमेंट था।

ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज सैम कोनस्टास ने इस विवाद पर अपनी गलती मानी है। ट्रिपल एम को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “यह मेरी गलती थी। दुर्भाग्यवश उस्मान ख्वाजा आउट हो गए। वह कुछ समय बर्बाद करने की कोशिश कर रहे थे, और मैंने बुमराह से बदतमीजी की। हालांकि, यह खेल का हिस्सा है। बुमराह ने शानदार गेंदबाजी की और विकेट लिया, लेकिन अंत में हमारी टीम ने बेहतरीन प्रदर्शन किया।”

जसप्रीत बुमराह ने इस सीरीज में भारतीय टीम के लिए सबसे बड़ा योगदान दिया। पांच टेस्ट मैचों में उन्होंने कुल 31 विकेट लेकर गेंदबाजी का लोहा मनवाया। सिडनी टेस्ट के आखिरी दिन चोट के कारण बुमराह मैदान पर नहीं उतर सके, जिससे भारतीय टीम को बड़ा झटका लगा।

इस पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में ऑस्ट्रेलिया ने 3-1 से जीत दर्ज की और बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने नाम की। हालांकि, भारतीय टीम ने जबरदस्त संघर्ष दिखाया। सैम कोनस्टास जैसे युवा बल्लेबाजों ने बुमराह के खिलाफ अजीब और साहसी शॉट खेले, लेकिन बुमराह ने अपनी गेंदबाजी से उन्हें चुप कराने में सफलता पाई। ऑस्ट्रेलिया के लिए यह जीत ऐतिहासिक थी क्योंकि उन्होंने लगभग एक दशक बाद बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीती। वहीं, भारतीय टीम को अपनी कमजोरियों पर काम करने की जरूरत है।