Gemology Tips: यदि आप भी अपनी कुंडली में देव गुरु बृहस्पति को मजबूत करना चाहते हैँ तो पुखराज को धारण करना बहुत ही ज्यादा शुभ साबित हो सकता है। दरअसल, यदि देव गुरु बृहस्पति खुश रहेंगे तो खुश होकर आपको उचित फल देखने को मिलेगा और व्यक्ति के सारे संकट दूर हो जाएंगे।

वहीं, ये भी कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति पुखराज को धारण करता है उससे जुड़े प्रत्येक रिश्ते मजबूत होते जाते हैँ और व्यक्ति को भीतर प्रत्येक रिश्तों के प्रति संवेदन शीलता भी देखने को मिलती है। ऐसे में पुखराज को धारण करना बहुत ही ज्यादा शुभ माना जाता है। ऐसे में ये जानना बहुत ही ज्यादा जरूरी होता है कि पुखराज किस रिश्ते को खासतौर पर रिप्रेजेंट करता है।

प्रथम गुरु होते हैँ माता व पिता

वैसे तो विधार्थी का पहला गुरु शिक्षक या शिक्षिका होते हैँ पर ज़ब तक वे बच्चा स्कूल नहीं जाता है तब तक उसकी प्रथम गुरु उसके माता पिता ही होते हैँ, जो कि उसे जीवन जीने के मुख्य उद्देश्य के बारे में बताते हैँ।

सेवा करने से प्राप्त होता है फल

ज़ब बच्चा थोड़ा बड़ा होकर समझदार हो जाता है तब वे विद्यालय जाता है तब उसे और अधिक समझदार होने के लिए पेरेंट्स को उसे पुखराज को धारण करवा देना चाहिए। इसे धारण करते ही रिश्तों के प्रति न केवल संवेदनशीलता बढ़ती है बल्कि बच्चा बुद्धि का भी तेज होता जाता है।

पुखराज को धारण करने से पहले इस बात का भी मुख्य ध्यान देना चाहिए कि इसे रविवार के दिन ही पहनाएं। रविवार के दिन जो व्यक्ति पुखराज पहनता है उसे भगवान सूर्य कि भी कृपा मिलती है। वहीं, जो व्यक्ति पुखराज पहनते हैँ उन्हें सूर्य को भी ज़ल देना चाहिए। सूर्य में ज़ल चढ़ाने से व्यक्ति का शुक्र ग्रह भी मजबूत होता है। इसलिये पुखराज के रत्न को धारण जरूर करना चाहिए। खासतौर पर उन्हें तो जरूर जो नौकरी कि खोज कर रहे हैँ या जो स्टूडेंट्स हैँ। उन्हें पुखराज को तो जरूर ही पहनना चाहिए।

इसके अलावा जिस भी व्यक्ति के कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर है उसे भी पुखराज को अवश्य धारण करना चाहिए।