नई दिल्लीः नौकरी करेत हुए मंथली EPFO में कॉन्ट्रीबूशन होता है, जो कर्मचारी की सैलरी और भत्ते का 12 प्रतिशत पीएफ अकाउंट (Pf Account) में ट्रांसफर होता है. 12 फीसदी योगदान कंपनी की तरफ से EPFO में जमा किया जाता है. ईपीएफ (EPF) पर मौजूदा समय में 8.25 फीसदी के हिसाब से ब्याज का फायदा दिया जा रहा है.
यह ब्याज सरकारी स्कीम्स (Govermernt Scheme) पर मिलने वाले ब्याज की राशि भी भविष्य में अमीर बनाने का काम करती है. अगर नियम के अनुसार, आप ईपीएफ (EPF) में अपने कॉन्ट्रीब्यूशन को बढ़ाने का प्लान कर रहे हैं तो आप सीधे तौर पर ऐसा नहीं कर सकते हैं. ईपीएफ (EPF) में अपने योगदान को बढ़ाने का काम कर सकते हैं. अपने निवेश पर उसी ब्याज का लाभ ले सकते हैं, जो आपको ईपीएफ पर मिलता है.
पीएफ कर्मचारी जानें जरूरी बातें
आपको जानकारी होनी चाहिए की ईपीएफओ मेंबर वीपीएफ के जरिए प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) में अपने कॉन्ट्रीब्यूशन को बढ़ाने का काम कर सकते हैं. VPF में सैलरी कटाने की कोई लिमिट तय नहीं की गई है. कर्मचारी (Employee) अपने मर्जी से चाहें तो अपनी सैलरी का 100 फीसदी तक योगदान दे सकते हैं.
अगर आप VPF में निवेश करने का मन बना रहे हैं तो कंपनी के एचआर (HR) से संपर्क करना होगा. एचआर की सहायता से अपना वीपीएफ अकाउंट (VPF Account) भी ईपीएफ (EPF) के साथ-साथ अकाउंट ओपन करवा सकते हैं, जहां किसी तरह की परेशानी नहीं होने वाली है. जैसे कर्मचारी का ईपीएफ का कटता है. एक बार VPF का विकल्प चुनने के बाद, मिनिमम 5 वर्ष तक उसमें पैसा जमा करने का काम कर सकते हैं.
पैसे निकासी के नियम
क्या आपको पता है कि वीपीएफ (VPF) की रकम पर मिलने वाला ब्याज और फायदे ईपीएफ (EPF) की तरह ही रहते हैं. वीपीएफ फंड (VPF Fund) की पूरी रकम की निकासी आप रिटायरमेंट के बाद ही करने का काम कर सकते हैं. वहीं, 5 वर्ष बाद जब इसका लॉक इन पीरियड खत्म होता है तो तब आप इससे आंशिक धनराशि निकालने का काम कर सकते हैं.
इसके लिए ऑनलाइन क्लेम (Online claim) भी करने का काम किया जा सकता है. ऑनलाइन क्लेम करके इसके पैसों की निकासी कर सकते हैं. इसके साथ ही ईपीएफ की तरह से ट्रांसफर करने का काम किया जा सकता है. वहीं, वीपीएफ (VPF) में निवेश पर इसके ब्याज और निकासी की रकम पर टैक्स देने की जरूरत नहीं होती है. फंड में एक वित्त वर्ष में 1.50 लाख रुपए तक की टैक्स छूट के लिए दावा कर सकते हैं